भारत ने सार्क बैठक का न्योता ठुकराया, संगठन के अस्तित्व पर संकट
न्यूज डेस्क। दक्षिण एशिया में व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बने संगठन सार्क के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। न्यूयॉर्क में नेपाल द्वारा प्रस्तावित सार्क के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत ने मंगलवार को भाग लेने से इनकार कर दिया। भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करता, भारत ऐसे किसी भी सम्मेलन में भाग नहीं लेगा।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) का आखिरी शिखर सम्मेलन नवंबर 2014 में काठमांडू, नेपाल में हुआ था। तब से अब तक कोई सार्क शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं हुआ है। 2016 में इस्लामाबाद में सार्क सम्मेलन होना तय था, लेकिन भारत और कुछ अन्य सदस्य देशों ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का समर्थन देने का आरोप लगाते हुए इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। इसके बाद से सार्क सम्मेलन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है।
नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश की ओर से सार्क को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। इसीलिए नेपाल ने न्यूयॉर्क में सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक (यूएनजीए शिखर सम्मेलन के अलावा) आयोजित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने ठुकरा दिया।
दरअसल, सार्क की कोई बैठक या सम्मेलन तब तक नहीं हो सकता, जब तक सभी सदस्य देश सहमत न हों। अगर एक भी देश इसमें भाग लेने से इनकार कर देता है, तो बैठक नहीं होती।
सार्क की स्थापना
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) दक्षिण एशियाई देशों का एक प्रमुख संगठन है जिसकी स्थापना 8 दिसंबर 1985 को ढाका में हुई थी। इस संगठन के सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल हैं। इसका उद्देश्य इन देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है, और इसका सचिवालय नेपाल के काठमांडू में स्थित है।